ख़ामोशी, एक दिल की ज़ुबा है.... ख़ामोशी, एक दिल की ज़ुबा है....
सागर से उठकर जो लहरें साहिल को आ छू जाती हैं, धीरे से उमंगे भी उठकर मेरे दिल के तार ब सागर से उठकर जो लहरें साहिल को आ छू जाती हैं, धीरे से उमंगे भी उठकर मेरे दिल ...
सांसे चल रही हैं तुमसे जुदा होकर भी कहीं न कहीं तुम आज भी बाक़ी हो मुझमें, तभी तो दर सांसे चल रही हैं तुमसे जुदा होकर भी कहीं न कहीं तुम आज भी बाक़ी हो मुझमें, ...
अच्छा ही हुआ तुम चले ही गए, वैसे भी अब दिल मेरा अपाहिज हो चुका है। अच्छा ही हुआ तुम चले ही गए, वैसे भी अब दिल मेरा अपाहिज हो चुका है।
सुन ओ मेरी सजनी मुझे दिल में बसा लो ना। सुन ओ मेरी सजनी मुझे दिल में बसा लो ना।
अब खुद का मैं सोचूंगी, खुलकर भरपूर जींदगी अब जिऊंगी। अब खुद का मैं सोचूंगी, खुलकर भरपूर जींदगी अब जिऊंगी।